Yogita Takatrao
Drama
रंग बिखेर देती है
कुदरत यूँ सलीके से।
सुंदरता यूँ बसती है
आँखों में खूबसूरती से।
एक अनोखा एहसास है
दिल में खिले इस फूल से।
नजरें चुरा ही लेती है
हसीन हुस्न बहारों से।
खुशबू मुझे खिंचती है
जिंदगी के लम्हों से।
कुदरत
वसुंधरा
जिंदगी
आओ दिल का
वक़्त
इरादे नेक हैं...
वास्तव
बूँद बूँद यूँ
ये हवाएं
मन से मन की ह...
मगर प्रेम में अर्पित आवारा सा नैन स्पर्श की ताक में हूँ।। मगर प्रेम में अर्पित आवारा सा नैन स्पर्श की ताक में हूँ।।
इसी लिए हाल पूछो तो, "सब बढ़िया" ही कहते हैं और "सब बढ़िया" बस यही सच कानों में रखते ह इसी लिए हाल पूछो तो, "सब बढ़िया" ही कहते हैं और "सब बढ़िया" बस यही सच कानों म...
असली पहचान इसी के लिए लड्ता था ना तु जीवन भर। असली पहचान इसी के लिए लड्ता था ना तु जीवन भर।
कभी झरनों जैसी अधीर बहती, कभी शांत सागर समान थमती। कभी झरनों जैसी अधीर बहती, कभी शांत सागर समान थमती।
जिंदगी का इंजन और डिब्बों का रिश्ता सफर।। जिंदगी का इंजन और डिब्बों का रिश्ता सफर।।
कुछ दोष मेरी आंखों का कुछ फरेब तुम्हारी निगाहों का था कुछ दोष मेरी आंखों का कुछ फरेब तुम्हारी निगाहों का था
नज़र नहीं आती आजकल शायद राह बदल ली। नज़र नहीं आती आजकल शायद राह बदल ली।
और आज लिखूंगा और एक खत, दिल में थोड़ी चाहत लिए। और आज लिखूंगा और एक खत, दिल में थोड़ी चाहत लिए।
हाय रे मजबूर किस्मत आज फिर तूने उसकी तकदीर से वह सूखी ब्रैड हटा दी। हाय रे मजबूर किस्मत आज फिर तूने उसकी तकदीर से वह सूखी ब्रैड हटा दी।
जाने क्या खता हुई हमसे अजनबी बन रह गए। जाने क्या खता हुई हमसे अजनबी बन रह गए।
अंदर छुपे उस शख्स को कैसे समझाऊँ कि समलैंगिकता बाहर लाना कितना मुश्किल है। अंदर छुपे उस शख्स को कैसे समझाऊँ कि समलैंगिकता बाहर लाना कितना मुश्किल है।
ज़रूरत से ज़्यादा पानी न हम बहाएं पानी बचाओ ये अभियान जन जन पहुंचाएं। ज़रूरत से ज़्यादा पानी न हम बहाएं पानी बचाओ ये अभियान जन जन पहुंचाएं।
परन्तु समय से भी तेज मैंने लोगों को बदलते देखा। परन्तु समय से भी तेज मैंने लोगों को बदलते देखा।
निष्ठुर प्रियतम मेरी तरह क्या चांद को भी कल बहुत याद आए थे ? निष्ठुर प्रियतम मेरी तरह क्या चांद को भी कल बहुत याद आए थे ?
छूटे दुनिया चाहे, पर छूटे हमारा संग ना। छूटे दुनिया चाहे, पर छूटे हमारा संग ना।
खैर, जो भी है, मेरा सच है उन्हें ये पलक आज कल रूठी लगती है। खैर, जो भी है, मेरा सच है उन्हें ये पलक आज कल रूठी लगती है।
बहुत कुछ है समाज में बुरा उन पे ध्यान दो और हमें प्रेम से जीने दो। बहुत कुछ है समाज में बुरा उन पे ध्यान दो और हमें प्रेम से जीने दो।
अंग प्रत्यंग बेकार कर देगा नशा ये मौत का नशा है अंग प्रत्यंग बेकार कर देगा नशा ये मौत का नशा है
उनका ये अंदाज भी एक, याद बन कर रह गया। इश्क़ मेरे दिल का. उनका ये अंदाज भी एक, याद बन कर रह गया। इश्क़ मेरे दिल का.
हिलती हुई पगडंडी पर करतब दिखाते पंछी संतुलन का जीवन पाठ सीखाते है सुंदर चहकते पक्षी। हिलती हुई पगडंडी पर करतब दिखाते पंछी संतुलन का जीवन पाठ सीखाते है सुंदर...