बूँद बूँद यूँ
बूँद बूँद यूँ
बूँद बूँद यूँ
प्यार बरसा दे
के ह्रदय भर भर
मैं ये अमृत पी लूँ
यूँ मन तो है
रूखा सुखा सा
तू छलका दे
चंद प्यार की बूँदें
राह तो देखी बहुत
तू नज़ारा दिखा दे
सूखा तो कब से
मेरे दिल में पड़ा है
ऑंखें इंतजार में डूबी
ढूंढ रही दिवानी सी
तुम ना आ पाओ तो
बारिश ही भेज देना
उसी बारिश को
तुम हो समझ कर
जी भर कर मैं
भिगती रहुंगी