जिंदगी के मायने
जिंदगी के मायने
बदल रहे है जिंदगी के मायने, मेरे लिए
हो गयी दूसरों की, बट गयी किश्तों में !
नजर आ रहे हैं, रिश्तों के बदलते रंग
कोशिश बांध के रखने की, लग रही नामुमकिन हमें !
फिसल रहा हाथों से वक्त, आंखों के सामने
थामना हूँ चाहती, उम्मीद कोई न आती जहन में !
जुबां से कुछ न कह सकती, किसे भी
पर चुप रहना, गलत माना जाएगा बाद में !
समझे नहीं, या नासमझी का बहाना किए
सब मेरी मजबूरी पे, हंसते हुए से लगते !
उतार -चढ़ाव के बीच, खुद को न खोया जाए
दिखा देना चाहती हूँ, इस सबसे मैं हूँ परे !
