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Atharva Bhoraskar

Abstract

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Atharva Bhoraskar

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महात्मा- जैसा मैं समझता हूँ

महात्मा- जैसा मैं समझता हूँ

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भारत का अतीत महान रहा है,

इसलिए नहीं क्योंकि अंग्रेजों को हमारे पूर्वजों ने मात दी है,

इसलिए नहीं क्योंकि आज वह बहुत आगे बढ़ चुका है,

बल्कि इसलिए क्योंकि

भारत की भूमि को महात्माओ के पद के दर्शन प्राप्त हुए है।


हमारे देश की धरती हमेशा पवित्र रही है,

इसलिए नहीं क्योंकि हमारा सारा भार यह भूमि उठाती है,

इसलिए नहीं क्योंकि इस भूमि की हम पूजा करते है,

बल्कि इसलिए क्योंकि

इस भूमि पर कई महावीरो के खून का तिलक लगा है।


भारतीय दिलों मे आज एकता है,

ईसलिए नहीं क्योंकि सभी एक-दूसरे से परस्पर जुड़े है,

बल्कि इसलिए क्योंकि

वे महावीरो ने हिन्दू-मुस्लिम एक कर भारत को स्वतंत्रता भेट दी है;

और इसलिए आज विविधता ही भारत की एकता है।


जब हिंदुस्तान के दिलों मे जुनून दहल उठा,

तब अंग्रेजों के मन मे खौफ जाग उठा,

कप-कपाने लगे उन अहंकारियों के दाँत,

और फिर याद आए मुझे वे सर्वश्रेष्ट गांधी,

जिन्होंने एक ही डंडे से अंग्रेजों को भगाकर पूर्ण दुनिया हिला डाली।


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