जिंदगी के कुछ क्षण
जिंदगी के कुछ क्षण
चलो जिंदगी से कुछ क्षण
चुरा कर
अपनी जिंदगी के लिए खर्चते हैं
उससे ज़िंदगी में रंग भरते हैं
जिसके लिए हमेशा रहते तरसते हैं।
उदासियों को कुछ क्षण के लिए
दूर, बहुत दूर छिटकते हैं
उस पर रूबाईयों की संदल छिड़कते हैं
उसकी खुशबू के एहसास में चहकते हैं
मदमस्त बयार के संग होले-होले
नजाकत से महकते हैं।
चलो जिंदगी से कुछ क्षण
चुरा कर
अपनी जिंदगी के लिए खर्चते हैं।
बंदिशों से दूर, बहुत दूर
उन्मुक्त परिंदे से विचरते हैं
गिले-शिकवों से उबरते हैं
आज को रख कर ताक पर,
कल की आस में,
तिजोरी में जोड़े थे
जो कीमती पल
उसे आज ही खर्चते हैं।
चलो जिंदगी से कुछ क्षण
चुरा कर
अपनी जिंदगी के लिए खर्चते हैं।
