जिंदगी का सच
जिंदगी का सच
यह हैं जिंदगी का सच
जो चाहा कभी पाया नहीं।
जो पाया कभी सोचा नहीं,
जो सोचा कभी मिला नहीं।
जो मिला रास आया नहीं,
जो खोया वो याद आता हैं,
पर जो पाया संभाला जाता नहीं।
क्यों अजीब भी पहली हैं जिंदगी,
जिसको कोई सुलझा पाता नहीं।
जीवन में कभी समझौता करना पड़े तो
कोई बड़ी बात नहीं हैं,
क्योंकि झुकता वही हैं जिसमें जान होती हैं,
अकड़ना तो मुर्दे की पहचान होती हैं।
जिंदगी जीने के 2 तरीके होते है,
पहला: जो पसंद है उसे हासिल करना सिख लो,
दूसरा: जो हासिल हैं उसे पसंद करना सिख लो।
जिंदगी जीना आसान नहीं होता,
बिना संघर्ष कोई महान नहीं होता।
जब तक न पढ़े हथौड़े की चोट,
पत्थर भी भगवन नहीं होता।
जिंदगी बहुत कुछ सिखाती हैं,
कभी हंसती है तो कभी रुलाती हैं।
पर जो हर हाल में खुश रहते है,
जिंदगी उनके आगे सर झुकाती है।
चेहरे की हंसी से हर गम चुराओ,
बहुत कुछ बोलो पर कुछ न छुपाओ।
खुद न रूठो कभी पर सब को मनाओ,
राज़ हैं ये जिंदगी का बस जीते चले जाओ।
यही हैं जिंदगी का सच।