Anand Barotia
Tragedy Inspirational
अगर ज़िंदगी इक,
एक रुपए का नोट है तो,
मेरी गवाही में एक
अजब बात हो गई है
रुपया हाथ मे आने से पहले ही,
बचपन की अठन्नी खो गई है।
बातें बिन आवा...
पहुँच जाओगे
बस कागज़ सब का...
कल का आज
दिव्य दृष्टि
कांच में आदमी
रौशनी की राख़
वो आ पहुँचे
वो आ जाएंगी
ख़ुद के बाद
कसम है खुदा तेरी अब इस दिल को किसी पे ऐतबार न होगा। कसम है खुदा तेरी अब इस दिल को किसी पे ऐतबार न होगा।
इज़हार-ए-इश्क़ में कुछ क़समें झूठी सी उसने खाई थी! इज़हार-ए-इश्क़ में कुछ क़समें झूठी सी उसने खाई थी!
सैकड़ों इम्तिहान कुछ कर गुजर जाने का जुनून दिल-ए-नादान। सैकड़ों इम्तिहान कुछ कर गुजर जाने का जुनून दिल-ए-नादान।
जीवन के आसमान में दुखों के घिरे हैं बादल! जीवन के आसमान में दुखों के घिरे हैं बादल!
प्यार का रंग दिखा गए, वतन पर अपनी जान लुटा गए। प्यार का रंग दिखा गए, वतन पर अपनी जान लुटा गए।
जख्म को पुराने कुरेदा दर्द इतना हुआ, बस कोई अपना न लगा। जख्म को पुराने कुरेदा दर्द इतना हुआ, बस कोई अपना न लगा।
औरत हो औरत बनकर रहो ये ताना देकर उसका बोलना तक बंद करवाया जाता है ! औरत हो औरत बनकर रहो ये ताना देकर उसका बोलना तक बंद करवाया जाता है !
जाने कितने ही विचार हैं, हम सब लोगों और हमारी बातों में। जाने कितने ही विचार हैं, हम सब लोगों और हमारी बातों में।
संत साधु बनने का ढोंग करता रहा नारी का अंग अंग शोषण करके । संत साधु बनने का ढोंग करता रहा नारी का अंग अंग शोषण करके ।
हे!खुदा,हे! राम ,वाहेगुरू,अर्ज है " सुखराम " की। प्यार भर, नफ़रत मिटा, किस्मत। हे!खुदा,हे! राम ,वाहेगुरू,अर्ज है " सुखराम " की। प्यार भर, नफ़रत मिटा, ...
एहसास कायर जैसा बातों में माहिर हैं, काले धंधे काले लोग रातों में जाहिर हैं। एहसास कायर जैसा बातों में माहिर हैं, काले धंधे काले लोग रातों में जाहिर हैं।
जिम्मेदारियों से वादा कर रही है वस्ल का लेकिन नादानी के आगोश में बीत रही है। जिम्मेदारियों से वादा कर रही है वस्ल का लेकिन नादानी के आगोश में बीत रही है...
सत्य हकीकत में छुपा है अमरत्व का प्रतिबिम्ब! सत्य हकीकत में छुपा है अमरत्व का प्रतिबिम्ब!
तुम्हारी अपनी देह है ही कहाँ, सबके अपने अपने सांचे, जिनमे ढलती रही! तुम्हारी अपनी देह है ही कहाँ, सबके अपने अपने सांचे, जिनमे ढलती रही!
फिर भी लगता है मुझे मैं पीछे ही रह गया हूं। फिर भी लगता है मुझे मैं पीछे ही रह गया हूं।
इक बेघर की आंख के आँसू, दम तोड़ता उसका जीवन ! इक बेघर की आंख के आँसू, दम तोड़ता उसका जीवन !
किसी दिन ज़माने के रिवाजों को तोड़ मुस्कुराऊं तब भी इतनी ही तारीफ कर पाओगे क्या!! किसी दिन ज़माने के रिवाजों को तोड़ मुस्कुराऊं तब भी इतनी ही तारीफ कर पाओगे क्...
बुरे दिन नहीं होते कोई, ठहरने को वो कहते है बुरे दिन नहीं होते कोई, ठहरने को वो कहते है
जिंदगी का ख़ालीपन हमसे न पूछो, किसको ये सोचने की भी आदत होती नहीं। जिंदगी का ख़ालीपन हमसे न पूछो, किसको ये सोचने की भी आदत होती नहीं।
पुकार मेरी कर अनसुनी तुम जो चले गए आए ना वो बसंत जो तुम संग बीत गए पुकार मेरी कर अनसुनी तुम जो चले गए आए ना वो बसंत जो तुम संग बीत गए