जिंदा है नर पिशाच
जिंदा है नर पिशाच


जिंदा है नर पिशाच मासूमों की बोटियाँ नोचने वाले,
निर्दयी निर्लज बेशर्म कच्ची कलियों को रौंदने वाले।
नारी शक्ति परम शक्ति देव भक्ति मालूम नहीं,
नर कलंक पाप अकंठ पूज्या नारी भोगने वाले।
थकते नहीं कर वंदना अर्चना देव ऋषि जिनको,
चरण कमल देवी नारी धुली सिर माथे लगाने वाले।
दिया जन्म जिसने सम्मान उस मातृ नहीं देते है,
कुत्ते भेड़िये से बदत्तर गौरव राष्ट्र मांस नोचने वाले।
उम्र कैद या फांसी जो भी हो कम पड़ जाएगी,
जैसे को तैसा मिले सजा ट्विंकल के अंग काटने वाले
इनकी बेटियाँ इनकी औरते इनको न स्वीकार करे,
हो बहिष्कार समाज सदा मर्यादा भारत लूटने वाले।
कोई रिस्तेदार न कोई पैरवीकार सब अस्वीकार करें,
करो देश समाज बाहर सजा कालापानी चखने वाले।
नारी है तो सारी है हर गौरव गाथा देने वाली है,
तू धन्य है तू पूज्य चरण सिर भारती झुकाने वाले।