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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Romance Action Classics

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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Romance Action Classics

जिम्मेदारी

जिम्मेदारी

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जिम्मेदारी बहुत बड़ी, गर कोई माने लोग,

आजीवन भर बंधन का, कहलाता संयोग।

भूल अगर कोई मिले, गैर जिम्मेदार नाम,

छोटी छोटी भूल करे जन हो जा बदनाम।।


बचपन से बुढ़ापे तक, जिम्मेदारी है बोझ,

कितनी जिम्मेदारी जन, करता आया रोज।

जिम्मेदारी निभा सके, वो कहलाता इंसान,

जिम्मेदारी भूलता, वो जन कहलाए अज्ञान।।


जिम्मेदारी एक पिता, परिवार का पालना,

जिम्मेदारी युवा वर्ग, भाग्य को पहचानना।

जिम्मेदारी मात पिता, जीवनभर निभाते हैं,

उनसे बड़ा कोई नहीं, साधु संत बताते हैं।।


जिम्मेदारी गुरु की हो, देता शिक्षा अज्ञान,

मान बड़ाई तब बढ़े, पा शिक्षा बने महान।

शिष्य उसे ही मानते, जो पूरा करे गुरु ज्ञान,

कोई जग में नहीं रहे, जिम्मेदारी से अंजान।।


जिम्मेदारी

पाकर श्रीराम, बनवास गये गमन,

बेशक अयोध्या दर्द में, जंगल बनाया चमन।

सीता, लक्ष्मण जिम्मेदार, करते थे निज काम,

पूरे जग में हो गया, सीताराम, लखन का नाम।।


जिम्मेदारी लेकर आये, जगत के कितने देव,

सुंदर वाणी बोलते, वशिष्ठ और शुकदेकव।

जिम्मेदारी लेकर आये, त्रेता में प्रभु श्रीराम,

अपने कितने कत्र्तव्य निभाये, द्वापर के श्याम।।


जिम्मेदारी निभा रहे हैं, बड़े बूढ़े सब इंसान,

जिम्मेदारी आगे चले, बनकर आये मेहमान।

भूलकर जिम्मेदारी को, नहीं भुलाना चाहिए,

जिंदगी बड़ी अनमोल, हर जन को हँसाइये।।


साहसी पुरुष वहीं होते, छोड़े न जिम्मेदारी,

जिम्मेदारी को देखकर, सारी दुनियां हारी।

बहुत कठिन संसार में, पूरा करे जिम्मेदारी,

साधु संत खरे उतरे, खरी उतरे बीर प्यारी।।


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