जीवन
जीवन
जीवन तुम क्या चीज हो,
मैंने सूना है तुमअनमोल हों,
लोग कहते हैं कि हम सब,
किस्मत वाले कि तुम मिले,
जीने का सलीका कौन बताए,
उम्मीदें तुमसे बहुत लगा रखी हैं,
क्या पाना चाहते हैं नहीं मालूम,
पर बहुत कुछ पाना चाहते हैं,
बस जीना है तो हम जी रहे हैं,
दिन से रात, रात से दिन बीते
चलें जा रहें हैं हर पल किसी
उम्मीद में, बैचेनी में बीत रहें हैं,
इस जीवन से हम क्या चाहते हैं,
कितना चाहते हैं कोई माप हैै ॽ
ए जीवन तू अभी ठहर जा जरा,
हमें पता चला, हासिल करना है
और बहुत कुछ हासिल करना,
मृगमारिच के पीछे दौड़ना है,
मुझे बहुत कुछ हासिल करना है।