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Rashmi Sinha

Inspirational

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Rashmi Sinha

Inspirational

मां बसी है

मां बसी है

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मां को नजरों ने खोजा,

मन ने रो रोकर पुकारा ,

दिल ने मुझे समझाया,

मां तो दिल में बसी है,

हमारे अस्तित्व में समायी!

कल हमारे भावों को

जरूरतों को शब्द देती,

अपनी तो कभी की नहीं,

उनके दिल में, आंखों में,

बातों में हम ही तो रहे।

पर आज सशरीर नहीं,

तब अपने अनमोल रत्न,

अमृत औषधि को जाना।

अब अपने संस्कृति संस्कारों

से परिवार को संवारकर,

तीज त्यौहार पूूजा उत्सव में,

मसाले की खुशबू स्वाद में,

घर के कोना-कोना में,

परिवार के मुस्कान में,

मां को महसूस करें।

आओ घर की एकता में 

मां के जीवन संंघर्ष को

सफलता दिलाये क्योंकि

मां तो हम सबमें बसी है।




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