जीवन --सुषमा
जीवन --सुषमा
जीवन -सुषमा के पथ पर
चलने को -पड़ती है जरूरत
एक साथी की..
जो कदम -कदम पर देता साथ
और लाता है, जीवन में वह
खुशियाँ अगणित और अपार
जो -दामन को भर देता है
अपने प्यार के फूलों से
चलता साथ सदा वो
कदम से कदम मिलाकर
चाहे कितने भी कष्ट आये
जीवन -सुषमा के पथ पर -वह
खड़ा सदा बन ढ़ाल --जाने
किस जन्म का कर्ज चुकाने को, वह
बन आ गये हैं वो, मेरे जीवनसाथी
कब बीत गये वो स्वर्णिम दिन
उस पल का हमें न भान हुआ
आ गये हैं हम, जीवन के उस पल में
जहाँ....
हम--तुम के अलावा कोई न था
बस साथ निभाना,अंत समय तक
छोड़ न जाना बीच भँवर में
जाने क्या पुण्य किया था -हमने
जो तुम आ गये हो बन-मेरे जीवन साथी ||
