जीवन रक्षक
जीवन रक्षक
मानवता---
टूट चुकी है जो,
मानव के चारित्रिक पतन के कारण।
पर थाम ली है,
डोर जिसकी कुछ लोगों ने।
फलस्वरूप
ले रही है साँसे वो,
दम तोड़ चुकने के बाद।
निस्वार्थ सेवा करें,
कोरोना वाॅरियर्स,
पुलिस, डाॅक्टर, नर्स,
बने जीवन रक्षक।
सफाई कर्मियों, रेलवे कर्मियों ने
संभाली कमान, इस महामारी में।
नमन सादर करें हम उनको,
आभारी आजीवन रहें हम।
विश्वास है, भगाएंगे मिलकर
कोरोना को, जीतेगा मानव।
