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Subhadeep Chattapadhay

Abstract Fantasy

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Subhadeep Chattapadhay

Abstract Fantasy

जीवन की राह में।

जीवन की राह में।

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के जीवन की राह में, एक गाड़ी है जो चलती है

हर किसी को कभी न कभी ये दिखतीं है।

कभी मेहनत से, तो कभी किस्मत से,

ये मिलती ज़रूर है।


कभी बनती ये कहानी,

तो कभी बन के रह जाता एक किस्सा

मानो या न मानो ये है हम सब के जीवन का एक हिस्सा

इस पे हक़ नहीं है किसी का, फिर भी ये है सबका

इस बात को कुछ लोग समझें न।


कुछ लिखते है इसे खुले छंदों में,

तो कुछ बाँधना चाहते है विषय के घेरे में।

वो साहब समझते नहीं कि दीवारें तो घर में होती है, 

आसमान में नहीं।


वो समझते नहीं कि अगर ये राह है,

तो इसका कोई अंत या शुरुआत नहीं

वो समझते नहीं कि अगर ये जंग है,

तो इसमें हार या जीत नहीं

वो समझते नहीं कि अगर ये  किताब है,

तो इसका कोई नायक या खलनायक नहीं

ये तो वो पवित्र पूजा है, जो कभी पूर्ण नहीं ।

 


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