जीवन का सच
जीवन का सच
जब हम झूठ के साथ थे।
सभी अपने थे, सभी खास थे।
जैसे ही थमा सच का हाथ,
गैर तो गैर ठहरे ,मेरे अपने भी न साथ थे।
जब हम झूठ के साथ थे।
सभी अपने थे, सभी खास थे।
जैसे ही थमा सच का हाथ,
गैर तो गैर ठहरे ,मेरे अपने भी न साथ थे।