जीवन
जीवन
कदम-कदम पर शूल बिछे हैं, कदम-कदम अंगार यहाँ।
धन-दौलत के खातिर लड़ते, जैसे लड़ते स्वान यहाँ।
नीच काम में भी अक्सर, लाज इन्हें न आती है।
चोरी, मक्कारी करके भी, छाती नहीं जुड़ाती है।
रिश्ते-नाते ताक पे रखकर, धन दौलत से प्यार हुआ।
मीठी- मीठी बातें करते, ऐसा है इज़हार हुआ