Kusum Joshi

Inspirational

4.5  

Kusum Joshi

Inspirational

जीवन का मक़सद समझा दो

जीवन का मक़सद समझा दो

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कई वर्षों का ये जन्म,

जन्म का बीत गया एक दौर,

जान ना पाया लेकिन अब तक,

इस जीवन का मोल,


कोई मुझको मेरे इस,

जीवन का मक़सद समझा दो,

व्यर्थ भटक रहा हूँ,

सच्ची राह कोई दिखा दो


कई वर्षों का ये जीवन,

यूं ही बर्बाद किया है,

सार्थक हो ये जन्म कि ऐसा,

कोई ना काम किया है,


ज्ञान दीप जलाकर इसमें ,

कोई इसको आबाद बना दो,

व्यर्थ भटक रहा हूँ,

सच्ची राह कोई दिखा दो


अब तक ढूंढ रहा था,

मैं संपत्ति धन और माया,

पर इन सबने भी मेरा,

जीवन ना सुखी बनाया,


अब इस मोह पाश से मुझको,

कोई बंधन मुक्त करा दो,

व्यर्थ भटक रहा हूँ,

सच्ची राह कोई दिखा दो।।



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