जीवन का ज्ञान
जीवन का ज्ञान
जीवन के ज्ञान का पाठ पढ़ाते जो गुरु वो कहलाते हैं,
अंधकार से प्रकाश की ओर लाते सही राह बतलाते हैं,
पहली सीढ़ी से आखरी सीढ़ी तक हमें चलना सिखाया,
मंजिल तो नहीं पर मंजिल की सही राह वो बस दिखाते हैं,
माली की तरफ सींचा है हर पौधों को जिसने उपवन में,
उस उपवन को फूलों से महकाते हैं वो गुरु कहलाते हैं,
लड़खड़ाते हुए कदमों को जिसने हर मोड़ पर संभाला है,
हमारे कदमों को जो सही राह ले जाते वो गुरु कहलाते हैं,
सही गलत का भेद बताये जीवन का सच्चा मार्ग दिखाऐ,
शब्द को अक्षर बनाना सिखाया जिन्होंने गुरु वो कहलाते हैं,