हो आस पास तुम कहीं नहीं फिर साँसे क्यों महकाते हो हो आस पास तुम कहीं नहीं फिर साँसे क्यों महकाते हो
उस उपवन को फूलों से महकाते हैं वो गुरु कहलाते हैं उस उपवन को फूलों से महकाते हैं वो गुरु कहलाते हैं
मिलावट के आगे लोग हुए नत है हर जगह में आज मिलावट है मिलावट के आगे लोग हुए नत है हर जगह में आज मिलावट है