जीवान की हवाएं
जीवान की हवाएं
आती हैं
सभी के जीवन में
अपने कई अदृश्य
रूपों को लेकर
जीवन की ये हवाएं
होते हैं प्रभावित सभी
इसके अनेक रूपों से
पशु-पक्षी, कीट-पतंग
या हो मानव
कभी चक्रवाती
रूप धारण कर
उजाड़ जाती हैं
पशु-पक्षियों
और न जाने
कितने मानवों के घर
हर लेती हैं उनके प्राण
कभी तेज हवाओं के झोंके
उड़ा ले जाती हैं
कीट-पतंगों को अपने साथ
कहीं दूर प्रदेश में
तो कभी
बहुरूप धारण कर
आती हैं
मानव के जीवन में
जीवन की ये हवाएं
कभी रूठी-रूठी-सी
कभी बदली-बदली-सी
कभी खुशनुमा-सी
तो कभी घुली-मिली-सी
कभी तूफान बन कर
आती हैं और
जीवन को उथल-पुथल
कर जाती हैं
जीवन की ये हवाएं
कभी शांत चित्त
शीतलता का प्रतीक
लेकर आती हैं
तो कभी काले बादल का
रूप धारण कर
जीवन को जलमग्न
कर जाती हैं
कभी ताने-बाने के साथ
गीतों का मधुर संगीत बन
जीवन को संगीतात्मकता से
भर जाती हैं
जीवन की ये हवाएं
है स्वीकारना हमें
इसके इन रूपों को
है सफल बनाना हमें
अपने जीवन के
अल्प क्षणों को।
