किताबें
किताबें
किताबें!
किताबें वे हैं
जो शब्दों का सागर
अर्थों की लहरें
जीवन का सच
जीने के मायने
लिए फिरती हैं
वही तो हैं
जो किसी व्यक्ति के
व्यक्तित्व को बनाती हैं
उसे पूर्ण रूप से
निखारती हैं
जीवन में परिश्रमी भी
बनाना वही सिखाती हैं
जड़ को पौधा बनाती हैं
धैर्य को साधना
लक्ष्य को भेदना
सिखाती हैं असभ्य को
सभ्य बनना
एक वही तो हैं
जो जीवन भर
साथ निभाती हैं
दुख में हो
या सुख में
या फिर
किसी कारण
जागते हुए
रात गुजारते
या फिर दूर
किसी सफर में
बस एक सच्चा साथी बन
साथ निभाती हैं किताबें
हां! किताबें वही हैं
जो आंतरिक ही नहीं
बाह्य निर्माण का
कार्य भी करती हैं
एक वही तो हैं
जो संसार को
हर सीख से अवगत
करा जाती हैं।