कहां वेदों की ऋचाएं, पुराण कभी हमने महाकाव्य रचा मिट्टी, ईंट फिर गगन तलक स्तंभों का कहां वेदों की ऋचाएं, पुराण कभी हमने महाकाव्य रचा मिट्टी, ईंट फिर गगन तलक ...
मै मूक ,बधिर बना अपनी राह पर चलता हूँ इंसानियत पर हैवानियत का राज देखता हूँ। अपनी मै मूक ,बधिर बना अपनी राह पर चलता हूँ इंसानियत पर हैवानियत का राज देखता हूँ।...
दिल पत्थर का होता है तभी तो ऐसा खाना पचता है दिल पत्थर का होता है तभी तो ऐसा खाना पचता है
माहिर हैं वो लोग सूरत बदलने में माहिर हैं वो लोग तक़दीर बदलने में । माहिर हैं वो लोग सूरत बदलने में माहिर हैं वो लोग तक़दीर बदलने में ।
मानव के साथ मानवता जब हाथ में हाथ डाल चलेगी ! तब सही अर्थो में सभ्य सांचे में ढलेगी ! मानव के साथ मानवता जब हाथ में हाथ डाल चलेगी ! तब सही अर्थो में सभ्य सांचे में...
उस परम सत्ता (प्रकृति )से, छेड़-छड़। और, हम होते गए, असभ्य। उस परम सत्ता (प्रकृति )से, छेड़-छड़। और, हम होते गए, असभ्य।