जीत और हार जीवन का हिस्सा
जीत और हार जीवन का हिस्सा
जीत और हार जीवन का हिस्सा है,
किसी की जीत तो किसी की हार है,
किसी दिन जीतना तो किसी दिन हारना है,
हमें तो कर्म को पूजा समझकर करते जाना है,
प्रयास करते रहें तो सफलता जरूर मिलती है,
फिर मंजिल दूर ना होगी बस कदम बढ़ाना है,
घबराना ना कभी हार से हार के आगे जीत है,
हार को अपनी ढाल बनाकर हर जंग जीतना है,
जीवन कोई खूबसूरत पुष्पों का उपवन नहीं है,
हमें फूलों की कल्पना कर कांटों पर चलना है,
जीत में दुनिया साथ देती और हार में हंसती है,
पर इन बातों से विचलित होकर नहीं भटकना है,
यह सब तो बस जीवन का खट्टा मीठा स्वाद है,
दुखी ना होकर हार-जीत दोनों को अपनाना है,
हार अगर पीछे है तो जीत का कोई अंत नहीं,
हमें हार को हराकर एक नया इतिहास बनाना है।