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Indu Tiwarii

Classics Inspirational

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Indu Tiwarii

Classics Inspirational

जीने का मकसद

जीने का मकसद

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होती होंगी बदचलन, 

चरित्रहीन,

बेशर्म, आवारा, 

छोड़ी हुई,

लेकिन अपने चरित्र पर तमाम

तोहमतें लगवा कर भी आज की 

औरतों को जीने का मक़सद दे गयीं..


नहीं दी उन्होंने अच्छे परिवार में

पैदा होने की निशानी 

अपनी बलि देकर, 

दहेज की बलि चढ़कर 

लेकिन बचा गई आज की 

कई बच्चियों का जीवन...


नहीं किया उन्होंने सामाजिक, 

मानसिक व व्यवहारिक समझौता

समाज की खातिर उसकी 

गलत नीतियों का

लेकिन आज पुर्णत: आत्मनिर्भर

रहने की सीख दे कर 

जीना सीखा गई आज की पीढ़ी को..


होती होंगी बदचलन,

चरित्रहीन,

बेशर्म, आवारा,

छोड़ी हुई...


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