जीने दो उसे
जीने दो उसे
जीने दो उसे, जी रही है अपने ढंग से।
तीर चले तो सैलाब हो जाएगी।
सबका अस्तित्व बहा ले जाएगी।
देखते ही देखते सबका कद नाप जाएगी।
हवन की आहुति बना फिर
सब कुछ सामान्य कर जाएगी।
चर्चा ए हवा भी होगी।
दहशत का बीज बो जाएगी।
खामोशी सदा के लिए खामोश हो जाएगी।
जीने दो उसे जी रही है अपने ढंग से।
