जीना भी एक मज़दूरी है 😊🙏
जीना भी एक मज़दूरी है 😊🙏
मैं मामूली सा श्रमिक हूं साहब,
मेरे लिए जीना भी एक मज़दूरी है।
ना आगे बढ़ने की कोई चाहत है साहब,
ना पीछे हो जाने का कोई खौफ है।
दो वक़्त की रोटी के लिए, जीना भी एक मज़दूरी है।
ना होने का कोई ठिकाना है साहब,
ना खोने का कुछ खौफ है।
मुश्किलों भरें सफर के लिए,
जीना भी एक मज़दूरी है।
ना पैरों के घाव किसी ने देखें है साहब,
ना सूरज की गर्मी का कोई डर है।
बच्चों के लिए पैसा कमाने के लिए,
जीना भी एक मज़दूरी है।
ना किसी से मदद की कोई उम्मीद है साहब,
ना किसी खुशी की कोई सौगात है।
अपने दम पर हर तकलीफ़ को सहने के लिए,
जीना भी एक मज़दूरी है।
ना मौत का कोई ग़म रहा है साहब,
ना दुःखों की रही कोई भी कमी है।
परिवार के साथ खुशी से जीने के लिए,
जीना भी एक मज़दूरी है।
मैं मामूली सा श्रमिक हूं साहब,
मेरे लिए जीना भी एक मज़दूरी है।
