जिए जा रही हूं
जिए जा रही हूं
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छीन ली प्यार ने ही,
हमसे प्यार की दौलत,
फिर भी जिए जा रही हूं,
अब मेरी जिंदगी में कुछ भी नहीं,
फिर भी जिए जा रही हूं,
अपने गमों को छुपाने के खातिर,
अब तो हंसे जा रही हूं,
अब मेरी जिंदगी में कुछ भी नहीं,
फिर भी जिए जा रही हूं,
मेरी वफा के बदले वह,
बेवफाई किए जाते हैं,
मैं उन्हें मधुर मुस्कान देती रही,
वह मुझे गमों का जाम दिए जाते हैं,
मैं जानती हूं वह बहुत कड़वा जहर है,
फिर भी पिए जा रही हूं
अब मेरी जिंदगी में कुछ भी नहीं,
फिर भी जिए जा रही हूं।