झम्म झम्म हो बरसात
झम्म झम्म हो बरसात
सीला सीला दिल अरु
सीले सीले गाल
मिलो कभी जो हम से तो
झम्म झम्म हो बरसात।
नारी नर सब एक हैं
काहे की हो रार
तुझमें झाँकन को मुआ
गिर पड़े बिनके दांत।
सन्त सनातन सादगी
जो जो लेंही अपनाये
लूट खसोट को चोट्टा
आपहिं सिमट मिट जाये।
राजा रानी की तरह
पति और पत्नी होहिं
मैं तोको साथ निभाऊँगो
तू हमरी सखी बन जाहिं ।।
दिशा दिशा के नाम की
ईश दिशा सर्वोत्तम
करहू प्रयाण कौनो दिशा
जा तो है ही शुद्धतम।
रवि चले पच्छिम कू
चन्द्र चले दक्छिन कूँ
मंगल की तो पूछों मति भैया
उनकी गति प्रशक्तम।
साधक साधू न बने
और साधू बने न साध
मेरे संग जो जो आएगा
भजन सुहाना गाएगा ।।
द्रवित हृदय को मूल है
मनवा सबकी सोच
जो जो निश्छल जीव हैं
उन सम मनुख न होत।
रेल चलेगी रेल चलेगी
संग चलेगी गाड़ी
धोती कुरता चूड़ी अचकन
जीन्स लाइका और चलेगी साड़ी।
