Antariksha Saha
Inspirational
मौसम कितना भी सर्द हो
सूखी शाख पर पत्ते जरूर उगते हैं
बस ज़मीन से जुड़े हुए
अपने जड़ फहलाने की देरी है।
अपना हाल
जोग
आज सितारे बेश...
भूल चुका है त...
बस यही है जो ...
तुम
नश्वर
लिखता रहता हू...
जड़
जाम
जिस नारी को बहन बनाया, उसी को तुमने पराया किया। जिस नारी को बहन बनाया, उसी को तुमने पराया किया।
अन्याय चारो तरफ बढ रहा पता नहीं कोन उसे मिटाएगा! अन्याय चारो तरफ बढ रहा पता नहीं कोन उसे मिटाएगा!
और ये नींव की असलियत ही छीपी है सीधी बात की पनाह में। और ये नींव की असलियत ही छीपी है सीधी बात की पनाह में।
उन्ही की दुनिया में खोए ना सुनके उनकी बात उन्ही का करें अपमान! उन्ही की दुनिया में खोए ना सुनके उनकी बात उन्ही का करें अपमान!
क्या खौफ़ है तुमको क्या डर है तुमको क्यों खो रही है खुदको। क्या खौफ़ है तुमको क्या डर है तुमको क्यों खो रही है खुदको।
दीपावली का त्यौहार समृद्धि का प्रतीक होता, दीपावली का त्यौहार रामराज्य की याद दिलाता। दीपावली का त्यौहार समृद्धि का प्रतीक होता, दीपावली का त्यौहार रामराज्य की याद...
देश हमारा प्यारा,श्रेष्ठ और सच्चा है, बस देशवाशियों में भी ईमानदारी चाहिए। देश हमारा प्यारा,श्रेष्ठ और सच्चा है, बस देशवाशियों में भी ईमानदारी चाहिए।
आप है तो खुदा का दर्जा है, चलो आज दिल की सीधी बात करती हूं.. आप है तो खुदा का दर्जा है, चलो आज दिल की सीधी बात करती हूं..
जब तक रहेगी ज़िन्दग़ी फ़ुर्सत नहीं होगी काम से कुछ समय ऐसा निकालो! जब तक रहेगी ज़िन्दग़ी फ़ुर्सत नहीं होगी काम से कुछ समय ऐसा निकालो!
सत्य के साथ स्वयं का सम्मान करूंगी सत्य के साथ स्वयं का सम्मान करूंगी
जो पग पग पर उसके साथ चले और नाता उससे गहरा हो... दिल का हाल सुने उसका जो पग पग पर उसके साथ चले और नाता उससे गहरा हो... दिल का हाल सुने उसका
आंधी आए, तूफान चले, उलटा सारा ब्रह्मांड चले, हो अवरोध राह में फिर भी, आंधी आए, तूफान चले, उलटा सारा ब्रह्मांड चले, हो अवरोध राह में फिर भी,
मेरे सहनशक्ति की परीक्षा न लो मैं कोई अबला और लाचार नहीं। मेरे सहनशक्ति की परीक्षा न लो मैं कोई अबला और लाचार नहीं।
आकर्षण है प्रेम में, बने फिर व्यवहार। कर्कश वाणी छोड़ दे, जोड़ प्रीत का तार। आकर्षण है प्रेम में, बने फिर व्यवहार। कर्कश वाणी छोड़ दे, जोड़ ...
साफ-सुथरी आज की जिंदगी भी क्या जिंदगी है बचपन का भोलापन मिट्टी का खेल अनुपम लगता कभी सफल, असफल... साफ-सुथरी आज की जिंदगी भी क्या जिंदगी है बचपन का भोलापन मिट्टी का खेल अनुपम ...
हर सुबह एक नई रोशनी लेकर आती है। हर कोना हमें अपनी मंजिल की ओर ले जाती है। हर सुबह एक नई रोशनी लेकर आती है। हर कोना हमें अपनी मंजिल की ओर ले जाती है।
घर की है लाज सुनो, पुरुष समाज सुनो। जब तुम छेड़ोगे तो, चंडी बन जायेगी।। घर की है लाज सुनो, पुरुष समाज सुनो। जब तुम छेड़ोगे तो, चंडी बन जायेगी।।
मैं आपको देख रहा हूँ। और क्या देखता हूँ कि... जिंदगी तलाश में थी, जिस राह की। राह तो खुद ढूंढ रह... मैं आपको देख रहा हूँ। और क्या देखता हूँ कि... जिंदगी तलाश में थी, जिस राह की।...
क्या कहा तुमने औरतें पैदायशी काम काज़ी होती हैं? क्या कहा तुमने औरतें पैदायशी काम काज़ी होती हैं?
कभी बहन बनकर भाई की खुशियों का संसार बना जाती है वो नारी है जो हर किरदार निभा जाती है कभी बहन बनकर भाई की खुशियों का संसार बना जाती है वो नारी है जो हर किरदार निभा...