Antariksha Saha
Abstract
तेरा जोग ऐसा लगा
हर कुछ लगे बेमाना
फर्क नहीं पड़ता अब
क्या है लोगों का पैमाना।
अपना हाल
जोग
आज सितारे बेश...
भूल चुका है त...
बस यही है जो ...
तुम
नश्वर
लिखता रहता हू...
जड़
जाम
आदमी होता है बन्दी, दुनियां समझो इक है जेल।। आदमी होता है बन्दी, दुनियां समझो इक है जेल।।
इंसान जो वास्तविकता में कर्म नहीं कर पाता वह कल्पना में साकार हो सकती है इंसान जो वास्तविकता में कर्म नहीं कर पाता वह कल्पना में साकार हो सकती है
मस्तमौला मिजाज इनका थोड़े होते नादान, इनकी तो दुनिया में सबसे प्यारी है नानी। मस्तमौला मिजाज इनका थोड़े होते नादान, इनकी तो दुनिया में सबसे प्यारी है नानी।
वो अजनबी कहाँ अजनबी ही अब रह गया, मेरे वजूद का वह एक हिस्सा यारों बन गया। वो अजनबी कहाँ अजनबी ही अब रह गया, मेरे वजूद का वह एक हिस्सा यारों बन गया।
ए रात! कर न कुछ बात! जाहिर करने दे सारे जज़्बात! ए रात! कर न कुछ बात! जाहिर करने दे सारे जज़्बात!
कुछ के पैरों में छाले उग आये हैं कुछ ही हैं जो खुश हैं सबकी खुशी में कुछ के पैरों में छाले उग आये हैं कुछ ही हैं जो खुश हैं सबकी खुशी में
हनुमंत जैसा महा बलशाली बुद्धीवंत और ज्ञानवान हनुमंत जैसा महा बलशाली बुद्धीवंत और ज्ञानवान
निज निंदा या स्तुति से इस जग में, हम निश्चित सदा ही रहें अप्रभावित, निज निंदा या स्तुति से इस जग में, हम निश्चित सदा ही रहें अप्रभावित,
राह में कोई मिला इक अजनबी है दोस्त अपना वो हुआ इक अजनबी है। राह में कोई मिला इक अजनबी है दोस्त अपना वो हुआ इक अजनबी है।
हम ना करेंगी उन दिनों कोई माप तौल हम गायेंगी कोई मनभावन गीत हम ना करेंगी उन दिनों कोई माप तौल हम गायेंगी कोई मनभावन गीत
सुमधुर और सुखद एहसास ये, है जो अवर्णनीय, मानव जीवन की है नींव ये, यही सुख का सार है। सुमधुर और सुखद एहसास ये, है जो अवर्णनीय, मानव जीवन की है नींव ये, यही सुख का...
इसकी गाथा बड़ी पुरानी, कहती मेरी नानी। पैसा ही सर्वेश्वर है, सबसे भरवाता पानी।। इसकी गाथा बड़ी पुरानी, कहती मेरी नानी। पैसा ही सर्वेश्वर है, सबसे भरवाता पान...
जब हम होते हैं उन्माद में देख नहीं पाते फूलों के रंग जैसे कि वे हैं। जब हम होते हैं उन्माद में देख नहीं पाते फूलों के रंग जैसे कि वे हैं।
कभी शादी, कभी नये मेहमान की सूचना होती थी कभी आंखें नम करने वाली बात लिखी होती थी कभी शादी, कभी नये मेहमान की सूचना होती थी कभी आंखें नम करने वाली बात लिखी हो...
गई दुनिया की बातें हुई बहुत। अब नई दुनिया बनाती है। गई दुनिया की बातें हुई बहुत। अब नई दुनिया बनाती है।
पैसे की है दुनिया सारी पैसे पर सब बलिहारी। पैसे की है दुनिया सारी पैसे पर सब बलिहारी।
विश्वास अपनापन थोड़ा समझौता थोड़ा झुकाव, यही रिश्तों की नींव है, विश्वास अपनापन थोड़ा समझौता थोड़ा झुकाव, यही रिश्तों की नींव है,
सहयात्री के बिना, जो इस यात्रा पर होते हैं, जाकर पूछो उनसे, सहयात्री के बिना, जो इस यात्रा पर होते हैं, जाकर पूछो उनसे,
तो मिला देना उस बचपने को देहरी पर रखे कलश में तो मिला देना उस बचपने को देहरी पर रखे कलश में
जिंदगी का सफर है ये कैसा सफर, हर कोई झूठा यहाँ, झूठा ही सच्चा यहाँ। जिंदगी का सफर है ये कैसा सफर, हर कोई झूठा यहाँ, झूठा ही सच्चा यहाँ।