नारी सशक्तीकरण
नारी सशक्तीकरण
शिव की शक्ति,
नारी शक्ति है।
जुनून की प्रतिमूर्ति
नारी भक्ति है।
हर किस्सा अपनी मजबूरी का
ताक पर रख आती है।
नारी कब हारी है।
उसकी हर उड़ान
यही दोहराती है।
खुशियों को बाँटना
बटोरना सिखाती है।
नारी साथ निभाती है।
बालू से तेल निकाल लेती है।
सशक्त अपना संसार बनाती है।
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चरमोत्कर्ष उसका लक्ष्य है।
संघर्ष से कब घबराती है ।
गई दुनिया की बातें हुई बहुत।
अब नई दुनिया बनाती है।
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दे रही दुनिया को एक नया आकार।
कर रही अपना हर सपना साकार।
रक्षक है, मार्ग संरक्षक है।
कर रही सबकी नैय्या पार ।
बढ़ा रही जहां में।
तिरंगे की शान।
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नारी शक्ति विस्तार है।
नारी से जग संसार।
रच रही इतिहास नारी।
कर रही जगत विकास।
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कहीं खाई पाटती ।
तो कहीं नजरअंदाज करती है।
नारी तो बस विकास से।
कदमताल मिलाती है।
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