अपना हाल
अपना हाल


भटके हुए राही को साहिल का पता नहीं पूछते
चोट खाए हुए आशिक से अपनों का हाल नहीं पूछते
पर दुनिया को इसी मे मज़ा आता है
बस अपनी ज़िन्दगी तुम जिओ और मुझे जीने दो
यही कहना है
समय के साथ हर घाउ भर जाता है
कृपया अपने राय अपने पास रखिए।
भटके हुए राही को साहिल का पता नहीं पूछते
चोट खाए हुए आशिक से अपनों का हाल नहीं पूछते
पर दुनिया को इसी मे मज़ा आता है
बस अपनी ज़िन्दगी तुम जिओ और मुझे जीने दो
यही कहना है
समय के साथ हर घाउ भर जाता है
कृपया अपने राय अपने पास रखिए।