आपने हमें बताया क्यूँ नहीं
आपने हमें बताया क्यूँ नहीं
जब उसको आपसे हुआ,
आपने हमें बताया क्यूँ नहीं।
जब उसने आपका दिल चुराया,
आपने हमें बताया क्यूँ नहीं।
वह दिल चीज़ हमारी थी,
उसको कभी यह,
समझाया क्यूँ नहीं।
आप सिर्फ़ हमारे हैं,
उसको कभी यह अहसास,
कराया क्यूँ नहीं।
आपने हमें बताया क्यूँ नहीं।
हमको हक़ीक़त पता चली,
हमने आपको ताने दिये,
आपने कभी ऐतराज़,
जताया क्यूँ नहीं।
हमने आपको बुरा भला कहा,
आपने हमें नज़रों से,
गिराया क्यूँ नहीं।
आपने हमें बताया क्यूँ नहीं।
आपने हमें हर खुशी दी,
कभी आपने हमें,
रुलाया क्यूँ नहीं।
तो यह तो सच है कि,
आपको भी हमसे इश्क़ है,
मगर आपने हम पर,
कभी अपना हक़,
जताया क्यूँ नहीं।
आपने हमें बताया क्यूँ नहीं।
आपको हमसे इश्क़ न होता,
तो सच बताकर हमें,
रुलाया क्यूँ नहीं।
आपने हमसे कड़वा बोलकर,
कभी हमारा दिल,
दुखाया क्यूँ नहीं।
आपने हमें बताया क्यूँ नहीं।
हमको ख़ुद से दूर करके,
हमको कभी आपने,
सताया क्यूँ नहीं।
आपको हम अपने न लगते,
तो हमें कभी किया,
पराया क्यूँ नहीं।
आपने हमें बताया क्यूं नहीं।
हम तो आपको दिल से मिटा चुके थे,
आपने हमारा फ़ोन नंबर तक भी,
कभी अपने फ़ोन से,
मिटाया क्यूँ नहीं।
आपने हमें बताया क्यूँ नहीं।
जब उसको अपने दिल में जगह दी,
तब हमें अपने दिल से,
हटाया क्यूँ नहीं।
आपनेेे कभी उसके बारे में,
आपने हमें बताया क्यूँ नहीं।
हमारा उससे आमना सामना,
कराया क्यूँ नहीं।
कभी उसको हमसे आपने,
मिलवाया क्यूँ नहीं।
आपने हमें बताया क्यूँ नहीं।
अगर आप उसका ज़िक्र भी,
हमसे कभी कर देते,
तो हम तो दूर हट जाते आपसे,
समझा लेते ख़ुद को,
आपनेेे एक बार भी हमें,
आजमाया क्यूँ नहीं।
आपने हमें बताया क्यूँ नहीं।
तो यह तो ज़ाहिर है,
कि आपको हमसे इश्क़ है,
आपने हमें बताया क्यूँ नहीं।
बस यही शिकायत रहेगी आपसे,
आपने हमें बताया क्यूँ नहीं।
एक बार और पूछते हैं,
आपको हमसे इश्क़ है,
आपने हमें बताया क्यूँ नहीं।