मैं ही तो
मैं ही तो
हे…! देखो ना, मैं तेरे लिए क्या लाया हूं ?
ये मत समझना, कि मैं खाली हाथ आया हूं!
मैं तो तेरे लिए नई आशा, नई परिभाषा,
नया दौर- नव उम्मीद लाया हूं।
फूलों को सींच के, चांद को निचोड़ के;
तेरे लिए दीवाली, और तेरे ही लिए ईद लाया हूं।
हे…! देखो ना….
रागों को लूट के, सुरों के मेड़ से,
ताल को उड़ेल के, लय के सुमेर से
इस दफा जिंदगी की संगीत लाया हूं!
भावनाओं के उफ़ान से, समंदर के तूफान से,
दिल की जुबां से, आज एक गीत लाया हूं।
हे…! देखो ना….
तू मेरी अमानत है, तू मेरी इबादत है;
तू मेरा मुक्तक, तू सबद, तू ही मेरी आयत है;
तू मेरी हिफाज़त, तू मेरी शरारत,
तू मेरा शिकवा, तू ही तो मेरी शिकायत है।
तू सिर्फ मेरी, और मेरी बेपनाह मोहब्बत है।
कभी तू मुझसे नाराज़ न होना, मां!
क्योंकि, मैं तेरा उम्मीद, मैं ही तेरा प्रीत हूं।
हां, मैं तेरी हार, मैं ही तेरा जीत हूं, मां !
हे, माँ। देखो ना, मैं तेरे लिए क्या लाया हूं ?
ये मत समझना….
