Rakesh Kumar
Drama
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मेरा पहला प्य...
एक जमीं भी हो...
बदलता वक़्त
दूर कहीं खूबस...
दिल की बात
कभी हिंदी कभी...
सफर जारी रखो
रंग ज़िन्दगी क...
उनके लहजे में परवाह तो होती है मेरे लिए मगर क्यों कोई परवाह नज़र नहीं आती उनके लहजे में परवाह तो होती है मेरे लिए मगर क्यों कोई परवाह नज़र नहीं आती
घर के काम को नहीं करते मना परिवार के लिये करना सीखना है उसे। घर के काम को नहीं करते मना परिवार के लिये करना सीखना है उसे।
प्यास है दिल में और प्यासी है बारिश भी, रेत है दरमियां और सूख गई है ये शाख भी। प्यास है दिल में और प्यासी है बारिश भी, रेत है दरमियां और सूख गई है ये शाख भी...
हाँ सनक है इश्क़ में तेरे पर गवारा नहीं मुझे दूरियाँ यूं किसी भी काऱण से तेरी। हाँ सनक है इश्क़ में तेरे पर गवारा नहीं मुझे दूरियाँ यूं किसी भी काऱण से ...
उभरे लहू को कागज़ पर उड़ेलती हूँ तब ऐसे दिल के ज़ख्मों पर मरहम करती हूँ। उभरे लहू को कागज़ पर उड़ेलती हूँ तब ऐसे दिल के ज़ख्मों पर मरहम करती हूँ।
एक बूंद, विशाल सागर में इस से ज्यादा, ऐ बंदे तेरी हस्ती कहां। एक बूंद, विशाल सागर में इस से ज्यादा, ऐ बंदे तेरी हस्ती कहां।
इस क़दर मुझसे बेरुखी क्यों...बस मेरा कुसूर बता देना ! इस क़दर मुझसे बेरुखी क्यों...बस मेरा कुसूर बता देना !
सीख गया सब हाथ पकड़कर बस जैसे बरसों की हो पहचान सीख गया सब हाथ पकड़कर बस जैसे बरसों की हो पहचान
इसलिए बीते दशक के लोगों का दिल खत में बसता है। इसलिए बीते दशक के लोगों का दिल खत में बसता है।
अब दिखती है हर बच्चे में, सपनों की अँगड़ाई भी । अब दिखती है हर बच्चे में, सपनों की अँगड़ाई भी ।
जिसके गलत होने पर होगी सारी जिम्मेदारी उसकी। जिसके गलत होने पर होगी सारी जिम्मेदारी उसकी।
मन के हरे हार रे संगी, मन के जीते जीत रे l इहि हमर बैरी संगी, इहि हमर मीत रे 2....... मन के हरे हार रे संगी, मन के जीते जीत रे l इहि हमर बैरी संगी, इहि हमर मीत रे ...
छाया संकट राष्ट्र पटल पर, आओ मिलकर दूर करें।। छाया संकट राष्ट्र पटल पर, आओ मिलकर दूर करें।।
वफाई अगर ना कि होती तो, अंजाम कुछ और होता वफाई अगर ना कि होती तो, अंजाम कुछ और होता
यह परीक्षा है, बोलो यह परीक्षा है पेपर बाहर है, विद्यार्थ यह परीक्षा है, बोलो यह परीक्षा है पेपर बाहर है, ...
अब मर्ज़ी तुम्हारी है गिरते चलो या बढ़ते चलो। अब मर्ज़ी तुम्हारी है गिरते चलो या बढ़ते चलो।
कल्पना मेरी बिखरने लग गयी है उग्रता, बेचैन चिंता जग गयी है कल्पना मेरी बिखरने लग गयी है उग्रता, बेचैन चिंता जग गयी है
वरना इस बात का कोई अफ़सोस नहीं कि माँ के तीन भाई हैं और मेरा एक भी नहीं....... वरना इस बात का कोई अफ़सोस नहीं कि माँ के तीन भाई हैं और मेरा एक भी नहीं.......
प्यारी वो उसकी बातें भी प्यारी उसकी आवाज़ से भी प्यार हो ही गया। प्यारी वो उसकी बातें भी प्यारी उसकी आवाज़ से भी प्यार हो ही गया।
मुकद्दर में मेरे तुम हो या नहीं ये ख़ुदा जाने , दीदार-ए-रुख़सार की इक आस अभी बाकी है मुकद्दर में मेरे तुम हो या नहीं ये ख़ुदा जाने , दीदार-ए-रुख़सार की इक आस अभी बा...