Rakesh Kumar
Drama
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मेरा पहला प्य...
एक जमीं भी हो...
बदलता वक़्त
दूर कहीं खूबस...
दिल की बात
कभी हिंदी कभी...
सफर जारी रखो
रंग ज़िन्दगी क...
मातृ दिवस के उपलक्ष्य में एक कविता...। मातृ दिवस के उपलक्ष्य में एक कविता...।
ये कविता एक एहसास है दिल टूट जाने का साथी छूट जाने का। कभी-कभी ऐसा भी होता है दिल टूट जाता है मन बहु... ये कविता एक एहसास है दिल टूट जाने का साथी छूट जाने का। कभी-कभी ऐसा भी होता है दि...
क्योंकि एक और मंज़िल अभी बाकी है ज़िंदगी की एक और उड़ान अभी बाकी है...। क्योंकि एक और मंज़िल अभी बाकी है ज़िंदगी की एक और उड़ान अभी बाकी है...।
तुम बस मेरे हो, बस मेरे हो ये प्यार नहीं तो क्या है ? तुम बस मेरे हो, बस मेरे हो ये प्यार नहीं तो क्या है ?
भाई के लिए एक कविता...। भाई के लिए एक कविता...।
पहले क्यूँ ना चेता था, तब तो औरों का कफन, उसके लिए नीरा कपड़ा था, अब अश्रु की हर धारा से, उसके हृदय म... पहले क्यूँ ना चेता था, तब तो औरों का कफन, उसके लिए नीरा कपड़ा था, अब अश्रु की हर ...
यूँ तो हमारे चारों तरफ़ बहुत सारे अंधविश्वास फैले हुये हैं , लेकिन अगर इन सबमें सबसे प्रचलित अंधविश्... यूँ तो हमारे चारों तरफ़ बहुत सारे अंधविश्वास फैले हुये हैं , लेकिन अगर इन सबमें ...
बिखरी होगी मूरत संगमरमर की, क्या उसको सिमटा पाओगी। होगा एक तरफ़ा ये संगम, क्या उसमे ख़ुद को रमा पाओ... बिखरी होगी मूरत संगमरमर की, क्या उसको सिमटा पाओगी। होगा एक तरफ़ा ये संगम, क्या ...
कुरुक्षेत्र के बारे में कविता...। कुरुक्षेत्र के बारे में कविता...।
पर तुम पर मैं कुछ लिख सकूँ अभी, इतना कहाँ मुझे आता है ! पर तुम पर मैं कुछ लिख सकूँ अभी, इतना कहाँ मुझे आता है !
कुछ शब्द उधार दे दो मुझे कुछ शब्द उधार दे दो मुझे
तुम मिलना चाहती हो...। तुम मिलना चाहती हो...।
तुम ! तुम !
फिर से मुझपे मेरा रंग चढ़ा दो हो सके तो वो बचपन लौटा दो... फिर से मुझपे मेरा रंग चढ़ा दो हो सके तो वो बचपन लौटा दो...
ये माना, कुछ अलग है, मेरा अन्दाज़ जीने का। ये माना, कुछ अलग है, मेरा अन्दाज़ पीने का...। ये माना, कुछ अलग है, मेरा अन्दाज़ जीने का। ये माना, कुछ अलग है, मेरा अन्दाज़ पीन...
बेटा, संभल के ! बेटा, संभल के !
यह कविता एक ऐसी रानी की है जो कभी देवदासी हुआ करती थी। किस तरह रानी बनने के बाद एक 'रानी' की मर्यादा... यह कविता एक ऐसी रानी की है जो कभी देवदासी हुआ करती थी। किस तरह रानी बनने के बाद ...
एक हलफनामा...। एक हलफनामा...।
धड़कने मेरी भी, तेरी भी गूँजती रहेंगी यहाँ जब तक हम सुनते रहेंगे...! धड़कने मेरी भी, तेरी भी गूँजती रहेंगी यहाँ जब तक हम सुनते रहेंगे...!
हर उस डूबते तिनके को तेरी आवाज़, आज भी है सहारा ! हर उस डूबते तिनके को तेरी आवाज़, आज भी है सहारा !