जब दिल में याद बरसेगी
जब दिल में याद बरसेगी
जब दिल में तेरी याद बरसेगी
तुझे मैं बादल समझ लूँगा
जब कानों में तेरी हँसी खनकेगी
तुझे मैं पायल समझ लूंगा..(2)
ख्वाबों में तुझसे मिलने आऊंगा
सारे वादे याद दिलाऊंगा,
जब इश्क़ में तुझे मजबूर होता देखूंगा
मैं खुद को पागल कर लूंगा,
मैं खुद को पागल कर लूंगा
जब बातों में तेरी शायरी झलकेगी
तुझे ही मैं ग़ज़ल समझ लूंगा
जब आवाज़ में तेरी मिसरी टपकेगी
तुझे मैं कोयल समझ लूंगा...(2)
तेरी धड़कनों में बस जाऊंगा
सदा के लिए तेरा हो जाऊंगा
जब इश्क़ में तुझे दूर जाता देखूंगा
मैं खुद को पागल कर लूंगा,
मैं खुद को पागल कर लूंगा
जब जमाने की बुरी नज़र डराएगी
तुझे मैं काजल समझ लूंगा
जब वफ़ा में तरी ऐब ढूंढी जाएगी
तुझे मैं गंगाजल समझ लूंगा...(2)
मिलोगी तो हर दर्द बताऊंगा,
आंखों में बहता समंदर दिखाऊंगा
जब इश्क़ में तुझे गैर होता देखूंगा,
मैं खुद को पागल कर लूंगा,
मैं खुद को पागल कर लूंगा