STORYMIRROR

राकेश सिंह सोनू

Romance

4  

राकेश सिंह सोनू

Romance

मजबूर हूँ चाहने के लिए

मजबूर हूँ चाहने के लिए

1 min
23.8K

मजबूर हूँ मैं 

तुम्हें चाहने के लिए,

आज़ाद हो तुम

मुझे भूल जाने के लिए


मुझे वादे निभा लेने दो

जीभर के चाह लेने दो,

मुबारक तुझे तेरी दुनिया,

मुझे तन्हाइयों में कट जाने दो

मजबूर हूँ मैं 

तुम्हें याद रखने के लिए

आज़ाद हो तुम

मुझसे दूर जाने के लिए


मुझे मोहब्बत में डूब जाने दो

तेरे एहसासों को गले लगाने दो,

मुबारक तुझे ये दूरियाँ

मुझे तेरी यादों से लिपट जाने दो।


मजबूर हूँ मैं 

अपनी वफ़ा निभाने के लिए

आजाद हो तुम

सारी कसमें तोड़ जाने के लिए।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance