इश्क़ करने का हक़ रखता हूँ हाँ
इश्क़ करने का हक़ रखता हूँ हाँ
तेरी यादों के एलबम में
बसूँ मैं ए हमनवां...
तेरे ख्वाबों के मौसम में
सजूँ मैं ए हमनवां...
कि तुझ से जुड़े रहने का
शौक़ रखता हूँ हाँ...(2)
दिल पर आज भी गहरे
तेरी अदाओं के निशान
निगाहों में बसी तेरी सूरत
मिटाना नहीं अब आसान.
कि तेरे क़रीब आने का
फितूर रखता हूँ हाँ...(2)
तुझे भूलने से अच्छा
तुझे याद करके मरूँ,
और दर्द ना दे ज़िन्दगी
तुझे चाहकर के मरूँ.
कि तुझ से इश्क़ करने का
हक़ रखता हूँ हाँ...(2)