जागरूक उपभोक्ता
जागरूक उपभोक्ता
थैला सामान की रसीद लिए मैं निकला बाजार,
जाना मैंने मेरे भी है कुछ ज़िम्मेदारी और कुछ अधिकार।
अपनी पूंजी का क्यों न सही उपयोग करे,
सही दुकान सही वस्तु पर क्यों न निवेश करे,
ज़रा सी भूल कही महंगी न पड़ जाए,
ज़रा सी सावधानी एक नया बदलाव ले आए।
थैला सामान की सूची थामे मैं निकाला बाजार,
जाना मैंने मेरी भी है कुछ ज़िम्मेदारी और कुछ अधिकार,
दुकान पर पहुंच कर अच्छे से करना हर पूछताछ,
खरीदना वही वस्तु जो हो सुरक्षित और साफ,
कोई दुकानदार यदि करें कालाबाजारी,
तो उसके विरुद्ध कदम उठाना है जरूरी।
थैला सामान की रसीद लिए मैं निकला बाजार,
जाना मैंने मेरे भी है कुछ ज़िम्मेदारी और कुछ अधिकार।
हो दाल चीनी या फिर बिजली का कोई सामान,
हर वस्तु में मिले सुरक्षा का प्रावधान,
खरीदने से पूर्व पैकेट पर लिखी हर बात को पढ़ना,
खरीदारी के बाद बिल बनवाना ना भूलना।
थैला सामान की रसीद लिए मैं निकला बाजार,
जाना मैंने मेरे भी है कुछ ज़िम्मेदारी और कुछ अधिकार।
वस्तु और सेवा में पारदर्शिता जरूरी है,
एक उपभोक्ता के लिए हर छोटी बात जानना जरूरी है,
आज के युग का आओ एक जागरूक उपभोक्ता बने,
स्वयं भी जागरूक बने और सबको सतर्क करे।