इतनी सी बात दिल पे
इतनी सी बात दिल पे
इतनी सी बात दिल पे लेते हो
कोई कुछ कहे तो रो देते हो
मर्द हो मर्द की तरहा रहो
हर बार हिम्मत क्यों खो देते हो
ज़िंदगी में उतार चढ़ाव आते हैं
तुम रोज शराब क्यों पीते हो
ये बुरा वक़्त हैं गुजर जाएगा
तुम इतना क्यों टेंशन लेते हो
जज्बातों को काबू में रखो
हर बात दिल पे क्यों लेते हो
मुझे देखो मैं कितना ख़ुश हूँ
तुम मेरी तरहा क्यों नहीं रहते हो।
