इतना सा निवेदन
इतना सा निवेदन
ये जग में सब ने मेरी
मजाक उड़ाके राखदिया
कम से कम तू ना उड़ाया कर
ओ मेरे मालिक मेरे भगवान।
जग बालों ने छीना मेरी
खाब और खुसियाँ
कम से कम तू तो ना छीना कर
ओ मेरे मालिक मेरे ओ भगवान।
हंसी तो उड़ाया मुझ पे
तेरे जग कि लोगोने
कम से कम तू तो ना हंसा कर मुझपे
मेरे मालिक ओ मेरे भगवान।
दुश्मन बन बैठे ए जग के लोग
सब का दिल रखते रखते थक गए हे हम
कम से कम तू तो ना थकाया कर हमे
मेरे ओ मालिक ओ मेरे भगवान।
खामोशी से जलता रहे ये दिल
आँसू ओं से ना बुझता ही ये आग
बुझा सके तो बुझा दे, ओर जलाया ना कर
ओ मेरे मलिक ओ मेरे भगवान।