आई दिवाली
आई दिवाली
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आई दिवाली, आई दिवाली
धरती पे आ गई मां काली
भुला देगी वो जख्म सारी l
परदेशी लौट आये अपने देश में
खिल उठा घर आँगन फिर खुशियों से
चार ओर से देखो सजी है रंगोली l
मां तू लाई होगी जरूर कोई तो तोहफा
मेरे अवगुण देख के ना होना खफा
डाल दे मेरा हिस्सा, फैला के रखी हूँ झोली l
तेरे होंठों पे हंसी हे आँखों में दया
तेरे बच्चों के लिये तू क्या नही किया
आज भी तू ऐसी, कल थी जैसे निराली l
अमावास में भी देखो पूनम हुई
दरश देने के लिये जब मां आ गई
उजाला ही उजाला हर दिशा फैला l
