इतिहास
इतिहास
भुला के उसको सदा के लिए,
अपना इतिहास बनाना चाहतें है हम,
समझा लिया था हमने खुद को,
पर अब भी उस दर्द में उलझ जातें है हम,
देख उसके अक्श को आज भी,
ना जाने क्यों मचल जाते हैं हम,
याद में उसकी अपने हृदय को,
ना जाने क्यों तड़पाते हैं हम,
उसके बिन जीना नहीं गँवारा हमको,
के अब तो बस मरना चाहते हैं हम।
