देश
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जो ढाल बन रहे खड़े
और दुश्मनों से जा भिड़े,
जो हर हाल में बढ़े
और अंत सांस तक लड़े,
जो शैल से अडिग रहे
और झुका क्षितिज गए,
जिनकी रक्त धार देख
रो रहा वो काल है,
वो वीर पुत्र देश के
वो हमारी शान है,
जो सरहदों पर हैं खड़े
वो देश के निगहबान हैं,
उनसे गौरवान्वित,
ये देश का स्वाभिमान है।
