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Mohit Kothari

Romance

4  

Mohit Kothari

Romance

बता दूं क्या ?

बता दूं क्या ?

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जो दबी हैं दिल में बात मेरे,

वो बात तुम्हें बता दूं क्या ?

हैं तुमसे मुझे कितनी मोहब्बत,

ये ज़माने को मैं दिखा दूं क्या ?


हूं बेगुनाह,

हर गुनाह में अब तक,

तुम कहो तो, ख़ुद को

गुनहगार बना लूं क्या ?


सुरमई सी हैं जो आंखें तुम्हारी,

इनके वो सारे अश्क चुरा लूं क्या ?

बेचैन करके दिल को तुम्हारे,

ये धड़कने भी आज बढ़ा दूं क्या ?

लबों से सी के लब वो तुम्हारे,

मय के मैं प्याले पी लूं क्या ?


कसके तुम्हें बाहों में अपनी,

ख़ुद को तुम में बसा लूं क्या ?

लगी है जो आग मेरे दिल में,

वो दिल में तुम्हारे लगा दूं क्या ?

चुरा के तुमको ही मैं तुमसे,

तुमको अपना बना लूं क्या ?


साथ तुम्हारे जीवन भर का,

मैं सपना दिल में सजा लूं क्या ?

मैं ख़्वाबों में सोच कर तुम्हें,

नींदें भी अपनी उड़ा लूं क्या ?


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