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VIVEK ROUSHAN

Romance

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VIVEK ROUSHAN

Romance

इश्क़ को मंज़िल तक पहुँचाये कौन

इश्क़ को मंज़िल तक पहुँचाये कौन

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दिल की आवाज़ को अब सुने कौन ?

इश्क़ को इश्क़ समझे कौन ?

यहाँ तो सब दीवाने हैं हुस्न के 

दो दिलों के मेल को अब जाने कौन ? 

ख़त में अपने एहसासों को अब लिखे कौन ?

हीर-राँझा, रोमियो-जूलिएट के

किस्से को अब सुने कौन ? 


कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी की इस दुनिया में 

किताबों में लिखी प्यार भरी

बातों को अब पढ़े कौन ?

इस रफ़्तार भरी जिंदगी में 

घंटो महबूब का इंतज़ार अब करे कौन ?

मोबाइल और तकनीक की इस दुनिया में 

महबूब की गलियों में जाकर

महबूब का दीदार अब करे कौन ?


फेसबुक और वाट्सअप के इस युग में 

महबूब से रु-ब-रु होकर अपने प्यार का

इज़हार अब करे कौन ? 

ब्लॉक और अनब्लॉक करने के इस युग में  

महबूब के हाँ या ना का

वर्षो इंतज़ार अब करे कौन ?


महबूब के रूठ जाने पर 

अब महबूब को घंटो मनाए कौन ?

इ-मेल और जी-मेल के इस युग में

महबूब की सहेलियों से महबूब तक

अपना पयाम अब पहुँचाए कौन ?

वीडियो कॉल और स्काइप के इस युग में 

महबूब से दूर रहने के दर्द को अब जाने कौन ?


इश्क़ तो सब करें

पर इश्क़ को मंज़िल तक अब पहुँचाये कौन ?



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