इश्क़ को मंज़िल तक पहुँचाये कौन
इश्क़ को मंज़िल तक पहुँचाये कौन
दिल की आवाज़ को अब सुने कौन ?
इश्क़ को इश्क़ समझे कौन ?
यहाँ तो सब दीवाने हैं हुस्न के
दो दिलों के मेल को अब जाने कौन ?
ख़त में अपने एहसासों को अब लिखे कौन ?
हीर-राँझा, रोमियो-जूलिएट के
किस्से को अब सुने कौन ?
कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी की इस दुनिया में
किताबों में लिखी प्यार भरी
बातों को अब पढ़े कौन ?
इस रफ़्तार भरी जिंदगी में
घंटो महबूब का इंतज़ार अब करे कौन ?
मोबाइल और तकनीक की इस दुनिया में
महबूब की गलियों में जाकर
महबूब का दीदार अब करे कौन ?
फेसबुक और वाट्सअप के इस युग में
महबूब से रु-ब-रु होकर अपने प्यार का
इज़हार अब करे कौन ?
ब्लॉक और अनब्लॉक करने के इस युग में
महबूब के हाँ या ना का
वर्षो इंतज़ार अब करे कौन ?
महबूब के रूठ जाने पर
अब महबूब को घंटो मनाए कौन ?
इ-मेल और जी-मेल के इस युग में
महबूब की सहेलियों से महबूब तक
अपना पयाम अब पहुँचाए कौन ?
वीडियो कॉल और स्काइप के इस युग में
महबूब से दूर रहने के दर्द को अब जाने कौन ?
इश्क़ तो सब करें
पर इश्क़ को मंज़िल तक अब पहुँचाये कौन ?

