इश्क़ का वो पहला गुलाब
इश्क़ का वो पहला गुलाब
आज भी मेरी डायरी में बंद है
इश्क़ का वो पहला गुलाब ,
जो कभी दिया था तुमने मुझे प्यार में ।
अब तो सूख चुका है वो ..
पर आज भी उसमें से तुम्हारे
प्यार की ख़ुश्बू आती है ,
वक्त की आंधी ने सब बदल दिया ,
पर हमारा प्यार आज भी ..
सिमटा है कल की तरह ।।