रूठा ना करो
रूठा ना करो
रूठा ना करो मेरे जान,
रूठा ना करो जान, जान पे बन आती है।
तेरा गुस्सा तेरी ख़ामोशी, जान ले जाती है।
रूठा ना करो जान
बिन तेरे हर इक लम्हा मेरा सदियों सा है गुजरा,
साँसें तो चलती है, धड़कन थम जाती है।
रूठा ना करो जान
कितना तड़पोगे तुम, मुझे यूँ रुला के।
आँखों की नमी तेरी सब बयां कर जाती है।
रूठा ना करो जान
ओ सनम!! दो बदन, एक जान है हम।
शिकवे की अब जगह कहां रह जाती है।
रूठा ना करो जान