दर्दे दिल पे मलहम।
दर्दे दिल पे मलहम।
आज फिर से अजनबी बन जाएं हम
एक दूसरे को भूल जाएं हम
शायद ये तरकीब काम आए अब
दर्दे दिल पे हो ये मलहम।।
चांद फलक पे चमका है ज़रा,
इन हवाओं ने भी है कुछ कहा
कब तलक यू नफरत करोगे मुझसे
हमें तेरी नफरत से भी मोहब्बत है।