इश्क
इश्क


इश्क तूने भी किया
इश्क मैंने भी किया
फिर भी
फर्क है
हम दोनों के इश्क में
तेरा इश्क घूमता है
जिस्म के गलियारों में
मेरा इश्क
तलाश करता है
रूह की गलियों को
बस यही तो फर्क है
हम दोनों में
वो भी है बुनियादी
जहां जिस्म रूह से
कुछ कहता है
मुझे यूं न झुठला
तू मुझमें ही तो है
इसलिए सनम
मात खा गए हम
अपने ही इश्क से !